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समय बदल गया

कल जो था वो आज नहीं है, हमने देखा सचमुच समय बदल गया है। सामने सद्-व्यवहार रखने वाले लोगों का पैमाना बिल्कुल बदल गया है। मिश्री सी मीठी डली वाले लोगों का पीठ पीछे नज़रिया बदल गया है। लोग समझते है हमने उनके छलावे-पूर्ण व्यवहार को सच मान लिया है। उन्हें क्या मालूम कि हमारा…

‘पुस्तक समीक्षा’

काव्य गंगा – कवयित्री डॉ. रेखा मंडलोई ‘गंगा’ जीवन अनुभूतियों के साथ सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का उपक्रम:काव्य गंग कविता की सर्जना के समय कवि के सामने यह संकट रहता है कि कम शब्दों में विराट अर्थ कैसे व्यंजित करे | क्योकि उसे शब्दों की मितव्ययता में ही भाषा व्याकरण और लोकजीवन के मर्म को…

भाई दूज

बहनों के सम्मान की रक्षा के लिए भाई दूज का पर्व आया। भाइयों ने रक्षा कवच का उपहार देने का प्यारा सुअवसर पाया। भाई बहन के प्यार भरे रिश्ते में मधुरता का साज सजता रहे।  सपना हमने अपने मन में सजा भगवान से आशीर्वाद यह चाहा । धन-दौलत की बरसात और सुख समृद्धि से परिपूर्ण…

दीपोत्सव

श्री राम के स्वागत में अयोध्या वासियों की तरह जुट जाओ।स्वादिष्ट मिष्ठान बना गणेशजी संग मां लक्ष्मी घर ले आओ।नए परिधान कर धारण दीपोत्सव की खुशियां अपनों संग मनाओ।धन वैभव संग संपत्ति आए ऐसी रंगोली से घर द्वार सजाओ।अज्ञानता रूपी तिमिर को दूर कर ज्ञान की नई ज्योत जलाओ।नई रोशनी के पलों से पूर्ण चारों…

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