
सकारात्मक सोच का परिणाम सदा,
सकारात्मक रूप में तेरे सामने आएगा।
आज है कठिनाई का ऐसा दौर,
लगता है ऐसे में कोई जी नहीं पाएगा।
हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा,
सोचा न था ऐसा दौर भी कभी आएगा।
अंग्रेजों की दासता सा माहौल घिर आएगा,
कोरोना की मजबूत बेड़ियों में तू बंध जाएगा।
हिम्मत मत हार ए नादान मुसाफिर,
ये वक्त ज्यादा समय तक नहीं ठहर पाएगा।
दृढ़ इच्छाशक्ति और विश्वास से तू,
वैश्विक महामारी की जंग भी जीत जाएगा।
नन्हीं चींटी को दाना लेकर जाते देख,
एक ऐसा प्रश्न तेरे मन में हिलोरे खाएगा।
जीवन की जंग में धैर्य ही काम आएगा,
हौसलों की बुलंदियो के साथ तू भी।
कोरोना की ये जंग जीत जाएगा,
ना हिम्मत हारी गर तूने तो सुन।
विपरीत परिस्थितियों को भी आसान बनाएगा,
खुदा की बनाई इस व्यवस्था को तू।
नादान कभी भी समझ न पाएगा,
मत डर इतना ए मानव तेरे ऊपर भी तो कभी।
खुशियों भरा आंचल लहरा कर आएगा,
सद्कर्मों की पूंजी कमा कर रख ले तू।
उसी पूंजी के बल पर भव सागर तर जाएगा,
जीवन की इस मुश्किल घड़ी में तुझे।
प्रभु का नाम ही सदमार्ग दिखाएगा,
नेकी कर दरिया में डालता जा।
सकारात्मक सोच का परिणाम सदा,
सकारात्मक रूप में तेरे सामने आएगा।
डॉ. रेखा मंडलोई ‘ गंगा ‘ इन्दौर
kavya ganga