लघुकथा

एक समाधान ऐसा भी

पति पत्नी के सुविचार - Pati Patni ke Rishte ke Suvichar

सुधा आज कुछ चहकते हुए रवि को अपने मन में उठने वाले विचारों से अवगत कराने को व्याकुल हो रही थी। रवि उस समय अपने विचारों में इस तरह डूबा हुआ था कि उसे यह आभास ही नहीं हुआ कि सुधा उसके पास आकार कुछ कह रही है। रवि विचारों के जाल में उलझता जा रहा था, उसे इस बात का डर था कि सुधा को हकीकत पता चलेगी तो वह सहन नहीं कर पाएंगी। असल में रवि ने अपने एक मित्र की आवश्यकता पड़ने पर आर्थिक मदद उन पैसों से कर दी थी, जो उन्होंने बेटे की कॉलेज की फीस भरने के लिए रखे थे। अगले सप्ताह बेटे को कॉलेज भेजना था और इसी संदर्भ में सुधा रवि से बात करना चाहती थी। रवि का वह मित्र अभी पैसे लौटाने की स्थिति में नहीं था। रवि को समझ नहीं आ रहा था कि वो कहां से बात प्रारंभ करे। रवि की मनोदशा देखकर सुधा समझ गई कि रवि कोई गहरी मुसीबत में है। उसने मुस्कराते हुए अपने पति से कहा,आप अपनी परेशानी तो मुझे बताइए। रवि ने बड़ी हिम्मत करके सुधा को सारी बात बताई, सुधा मुस्कराते हुए बोली बस इतनी सी बात। आप चिन्ता बिलकुल मत कीजिए, मेरी एफडी की राशि बैंक में जमा हो चुकी है। हम उसमें से अभी बेटे की फीस जमा कर देंगे, जब आपका मित्र पैसे लौटाएगा उस समय हम फिर से एफ डी करवा देंगे। रवि को अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी परेशानी का हल इतनी आसानी से मिल जाएगा। उसने लम्बी गहरी सांस लेते हुए सुधा का शुक्रिया अदा किया।

डॉ. रेखा मंडलोई ‘गंगा ‘ इन्दौर

kavya ganga

3 thoughts on “लघुकथा

  1. छोटी सी कहानी और पति – पत्नी के रिश्ते की कितनी गहेरी बात को उजागर किया है।

    Liked by 1 person

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: