
अजनबियों से कैसा ये अनजाना रिश्ता मैंने बनाया।
हर मुश्किल में मेरा साथ निभा उन्होंने ही मेरा हौंसला बढ़ाया।
खून के रिश्ते भी मुसीबत के समय कर लेते हैं किनारा।
लेकिन अजनबियों से अजीज बने दोस्तों ने जीवन में साथ निभाया।
ऐसे मधुर रिश्ते का आभार जताने का शुभ दिन आज आया।
खुशनसीब हूं मैं असीम- निश्छल प्यार मैंने उनका पाया।
मुझे अपना समझ मेरी नादानियों से अवगत कराया।
उनकी समझ से जीवन का अनमोल दर्शन मैंने पाया।
खून के रिश्तों से भी बडकर अपनेपन का हाथ बढ़ाया।
मेरी खामोशी की भाषा को समझ उदासी को दूर भगाया।
भाग्यशाली हूं मैं यारों कि मेरी झोली में ऐसे दोस्तों का प्यार आया।
जिन्दगी के खालीपन को भर मेरा जीवन खुशहाल बनाया।
मुझ पर उन्होंने अपनेपन का एक ऐसा हक जमाया।
कि जीवन भर के लिए उन्होंने मुझे अपना कर्जदार बनाया।
कर्ज उनका मैं कैसे उतार पाऊंगी ये विचार मन में समाया।
मेरी मुश्किल अब मेरी रही ही नहीं जब से मैंने प्यारे मित्रों का साथ पाया।
युगों युगों तक दोस्ती हमारी बनी रहे ऐसा सुन्दर स्वपन सजाया।
मित्रता दिवस पर शुभकामना देने का सुअवसर मैंने पाया
अपने विचारों को मित्रों तक काव्य में पिरो कर पहुंचाया।
डॉ. रेखा मंडलोई ‘ गंगा ‘
KAVYA GANGA
बहुत बढ़िया कविता है
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वाह-वाह लाजवाब 👌👌
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