
नवरात्रि विशेष
नारी शक्ति के विविध स्वरूप पा बन गई तू महान,
तेरी शक्ति का क्यों और कैसे किया जाए यूं बखान।
वात्सल्य, ममता त्याग का धर रूप लगती मनभावन,
धन – लक्ष्मी स्वरूपा बन करती है घर का संचालन।
अन्नपूर्णा की प्रतिमूर्ति बन बनती नीत नए पकवान,
गृह लक्ष्मी का रूप धर बढ़ाती सबका का अभिमान।
मां सरस्वती का आशीर्वाद बनाता बच्चों को ज्ञानवान,
शक्ति रूपा दुर्गा का पा अवतार पाया जग में सम्मान।
मां चंडी चामुंडा सी घर – परिवार का करती तू पालन,
यशोदा सी वात्सल्य वर्षा से बच्चों पर करती शासन।
तुलसी सा महकाती अपने घर -द्वार का आंगन,
गंगा समान पवित्र विचारों से करती घर को पावन।
ज्ञान रूपी धारण किए रहती सदा स्वच्छ परिधान,
जिससे परिवार का नीत – प्रति बढ़ता मान- सम्मान।
ईश्वर प्रदत्त तूने पाया प्रेम रूपी अभय वरदान,
बन नारी शक्ति बढ़ाए अपनी शक्ति संग अभियान।
मैं भी नारी तू भी नारी हम ही बढ़ाए हमारा मान,
एकजुट होकर हम करें दुराचारियों का चूर अभिमान।
हे नारी शक्ति जगा अपनी शक्ति, बना अपनी पहचान,
जिससे अत्याचारी कांपे और दुनिया में बने तू महान।
‘ जय नारी शक्ति- जय माता रानी बढ़ाओ हमारी शक्ति अपार ऐसी मां के चरणों में विनती है’kavy ganga
डॉ. रेखा मंडलोई ‘ गंगा ‘ , इंदौर
Khub kahi 👍
Jai Nari Shakti
हमें पुरुषों से बराबरी नही करनी क्योंकि हम उनकी भी शक्ति है ।
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वाह 👌👌👌👌👌 बहुत ही अद्भुत
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दिल से ढेर सारा धन्यवाद आदरणीया
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