
एक दूसरे को समझे, जाने जीवन भर सुख पाए।
जिमित संग प्रतीक्षा की झोली खुशियों से भर जाए।
आई शाम सुहानी हो मस्तानी गीत खुशी के गाए।
ये मंद मंद मुस्कान बिखेरे चांदनी रात जो आए।
फिर तारों की बारात सजा सब मिलकर मंगल गाए।
सालगिरह के शुभ अवसर पर आओ हम खुशी मनाए।
प्रेम, प्यार संग बीते जीवन गम की परछाई न आने पाए।
राह प्रशस्त हो उन्नति की खुशियों के बिगुल बजाए।
ये सात फेरों का बंधन है सात जन्मों तक निभाए।
तुम्हारे प्यार को किसी की नजर न लगने पाए।
हर दिन संतुष्टि और सुकून के साथ बिताते जाए ।
सालगिरह की शुभ घड़ी में वरदान तुम ऐसा पाए ।
जोड़ी की अमरता के संग सच्चा प्यार निभाए ।
सागर सी गहराई तुम्हारे प्यार में बढ़ती जाए।
एक दूसरे के दिल में बसकर अपार खुशियां पाए।
आशीर्वाद संग शुभकामनाएं मंडलोई परिवार बरसाए।
डॉ. रेखा मंडलोई “गंगा”/ तुम्हारी मां☺