
प्रेम,स्नेह,सम्मान,सुरक्षा का पर्व है रक्षा बंधन का त्योहार।
सनातन धर्म में सद्भावना पूर्वक मनाया जाता है यह त्योहार।
शास्त्र, पुराण, वेद करते हैं गुणगान जिससे और भी खास बन जाता है यह त्योहार।
बहनों द्वारा भाई की सुनी कलाई पर रक्षा का सूत्र बांधने की याद दिलाता है यह त्योहार।
मुगल सम्राट हुमायूं को रानी कर्णावती ने राखी बांध मनाया था यह त्योहार।
प्रेम,सौहार्द और भाईचारे के वातावरण का निर्माण करता है यह त्योहार।
अपने भाई की लम्बी उम्र की चाहना लिए बहनें मनाती हैं यह त्योहार।
सरहद पर डटे सैनिकों को रक्षा सूत्र बांध उनका सम्मान करने की याद दिलाता है यह त्योहार।
चांद तारों सी चमक अपनी आंखों में भर सूरज से तेज सा आशीर्वाद दिला जाता है यह त्योहार।
अटूट प्रेम और विश्वास का भाव भाई बहन में भर जाता है यह त्योहार।
रिश्तों की मधुरता, पवित्रता और मजबूती को बढ़ा जाता है यह त्योहार।
ससुराल से मायके न जा पाने पर भी रक्षा सूत्र पहुंचवा देता है यह त्योहार।
रक्षा का सूत्र कच्चा ही सही भाई बहन के प्यार को मजबूती देता है यह त्योहार।
बहनों के जीवन में खुशियों की सौगात लाता है यह त्योहार।
मां के जाने के बाद भाभियों को अधिक जिम्मेदार बना जाता है यह त्योहार।
बाजार की रौनक बड़ा गरीबों को भी रोजगार दे जाता है यह त्योहार।
पकवानों की महक संग रांगोली से भर जाता है घर द्वार।
हर्ष उल्लास के साथ ढेर सारी खुशियों संग मनाओ यह त्योहार।
डॉ. रेखा मंडलोई ‘ गंगा’ इन्दौर