‘मां की महिमा’

मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई के साथ अपनी मां के प्रति अपार स्नेह के साथ स्वरचित कविता प्रेषित है:- मां करुणा का सागर अपने में कर समाहित,हम पर सदा वात्सल्य का अमृत रस बरसाती है ।मां सुखों का कर त्याग, बच्चों के लिए रात-रात भर जाग,बच्चों को मधुर लोरी संग प्यार भरी थपकियांContinue reading “‘मां की महिमा’”

मंगल बधाइयाँ

खूबसूरत ख्वाब बन हमारे जीवन को,महकाने वाली मेरी बिटिया रानी प्यारी ।यह है ईश्वर का असीम वरदान जो मिली,हमें ऐसी प्यारी परियों सी राजदुलारी। सूरज की किरणों सा तेज अपने में किया ,समाहित जिस पर जाऊँ मैं बलिहारी।चांदनी जैसी शीतलता सा अहसास,दिलाकर बन गई तू सबकी प्यारी । धन्य कर दिया जीवन हम सबका ,ईश्वरContinue reading “मंगल बधाइयाँ”

बाबा की महिमा

शिव के गले में भुजंग है जैसे फूलों का हार।ओढ़े मृगछाल, नंदी-श्रृंगी संग सजाए दरबार।अविनाशी, त्रिगुणी-शिव की महिमा है अपार।देवों के देव महाकाल की करे जय जयकार। विश्व युद्ध जैसा ताण्डव आज झेल रहा संसार।विषमता रूपी विष पीकर बरसाओ अमृत के भण्डार।त्रिलोकीनाथ दिखाओ राह करो जग का उद्धार।ढाल बनकर बचाओ विश्व को करो बेड़ा पार।Continue reading “बाबा की महिमा”

शैक्षणिक वातावरण के निर्माण में आवश्यक तत्व

डॉ. रेखा मंडलोई ‘गंगा’ इंदौर ‘अपनी शाला में करे हम नित नए नए आयोजन, जिन्हें देख आनंदित हो बच्चे सफल हो प्रयोजन। ‘ शैक्षणिक वातावरण निर्माण में आवश्यक तत्वों पर चर्चा के पूर्व शिक्षण क्या है, यह समझना आवश्यक है। शिक्षण शिक्षक और विद्यार्थियों के मध्य चलने वाली पारस्परिक क्रिया (इंटरेक्शन ) हैं। श्रेष्ठ शिक्षणContinue reading “शैक्षणिक वातावरण के निर्माण में आवश्यक तत्व”

सालगिरह की शुभकामनाएं

  एक दूसरे को समझे, जाने जीवन भर सुख पाए। जिमित संग प्रतीक्षा की झोली खुशियों से भर जाए। आई शाम सुहानी हो मस्तानी गीत खुशी के गाए। ये मंद मंद मुस्कान बिखेरे चांदनी रात जो आए। फिर तारों की बारात सजा सब मिलकर मंगल गाए। सालगिरह के शुभ अवसर पर आओ हम खुशी मनाए। प्रेम,Continue reading “सालगिरह की शुभकामनाएं”

‘गलत फैसला’

पप्पू बाहर आंगन में खेल रहा था, तभी उसके कानों में बापू अमर रहे के नारे सुनाई देने लगे। वह दौड़ता हुआ अपनी मां के पास आया और बोला मां आज ये नारे क्यों लगाए जा रहे हैं। मां ने अपने बेटे को बहुत प्यार से समझाते हुए कहा बेटे ये नारे उस महान आत्माContinue reading “‘गलत फैसला’”

पुस्तक समीक्षा

काव्य गंगा – कवयित्री डॉ. रेखा मंडलोई “गंगा – श्री प्रभु त्रिवेदी ( समीक्षक,वरिष्ठ साहित्यकार ) साहित्य समाज का दर्पण है , कभी कहा जाता था। आज साहित्य समाज की धड़कन है। गद्य और पद्य साहित्य की दोनों विधाओं का अपना – अपना महत्त्व सर्वविदित है। लेकिन पद्य का अपना आनुभूतिक अनुवाद , लयात्मक लालित्य औरContinue reading “पुस्तक समीक्षा”

गणतंत्र दिवस

स्वतंत्र देश में आया गणतंत्र,आओ मिलकर ख़ुशी मनाएं।वासंती परिधान पहन कर,मातृभूमि पर बलि- बलि जाएं। ऋतुराज भी स्वागत में देखों,रंगीन फूलों को भर लाएं।भारत मां की अखंडता को,अब कोई आंच न आने पाएं। चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम,सब मिल – जुल ख़ुशी मनाएं।युवा वर्ग भी आगे आकर,उत्साह से कदम बढ़ाएं। बहा रक्त दी कुर्बानी जिसने,वंदनContinue reading “गणतंत्र दिवस”

अमर शहीद

अमर शहीद बन दूर गगन में,चमक उठा जो ध्रुव तारा।नेताजी का नाम पाकर,सुभाष बन गया सबका प्यारा। आजाद हिन्द फौज बना,भारत को जिसने संवारा।खून के बदले आजादी का,जिसने दे डाला एक नारा। भारत, बर्मा, सिंगापुर में,युवाओं को जिसने पुकारा।मेरे देश के वीर सपूतों जागो,आजाद कराओ देश हमारा। मातृभूमि के बंधन को देख,जिसका जी भर –Continue reading “अमर शहीद”

खुशियों का पर्व

सूरज बन मतवाला मकर राशि में चला आया,उत्तरायण पर्व की खुशियां अपनी झोली में भर लाया।गुड़ तिल की महक संग जीवन में मिठास देने आया,नीलगगन में रंगीन पतंगों के विहंगम दृश्य ने दिल लुभाया। दान धर्म संग पूजा पाठ का महत्व सभी को बतलाने आया,नेपाल में फसल कटाई का उत्सव सबने खुशी संग मनाया।हरियाणा,पंजाब मेंContinue reading “खुशियों का पर्व”